लेखक परिचय
नागार्जुन
का जन्म30 जून 1911 ई.
में दरभंगा बिहार में हुआ ।
उनकी मृत्यु 5 नवम्बर 1998 ई.में हुई।
नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था
हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन
तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं
नागार्जुन के काव्य में अब तक की पूरी भारतीय
काव्य-परंपरा ही जीवंत रूप में उपस्थित देखी जा सकती है।
नागार्जुन सही अर्थों में भारतीय मिट्टी से बने
आधुनिकतम कवि हैं।
पाठ परिचय
प्रस्तुत पाठ में लेखक ने नदियों का मानवीकरण किया है ।
मानवीकरण का अर्थ है - मानव रूप देना । अर्थात साहित्य में किसी जड़
पदार्थ का सजीव वर्णन करना ।
प्रकृति का सुन्दर चित्रण किया है ।
पाठ में लेखक ने हिमालय को नदियों का पिता और समुद्र को पति कहा है
पाठ में लेखक ने हिमालय को नदियों रूपी बेटियों का घर बताया है ।
बहुविकल्पीय प्रश्न – अभ्यास
प्रश्न 1 हिमालय की बेटियाँ पाठ के लेखक कौन हैं
नागार्जुन
यशपाल
शिवमंगल सिंह
कोई नहीं
प्रश्न 2. लेखक को दूर से देखने पर नदियाँ कैसी लगी ?
बड़ी गंभीर व शांत
बहुत ही विशाल
छोटी
प्रश्न3. लेखक के मन में नदियों
के प्रति कैसे भाव थे ?
इज्जत के भाव
आदर और श्रद्धा के
पवित्रता के
4. नदियों में डुबकियाँ लगाने पर लेखक को वे किस की गोद के समान
प्रतीत होती ?
माँ,दादी,मौसी और मामी
दादी और मौसी
मामी और दादी
5,नदियों का पिता किसे
बताया गया है ?
हिमालय को
समुद्र को
कोई नहीं
प्रश्न6. काका कालेलकर ने नदियों को क्या कहा है ?
बहन
लोकमाता
प्रेयसी
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 7. लेखक कौनसी नदी के
कीनारे बैठ कर गाना गुनगुनाने लगे ?
गंगा
यमुना
सतलज
प्रश्न8. लेखक के अनुसार कालिदास को नदियों का
कौनसा रूप पसंद था ?
बेटियों
प्रेयसी
बहन
9,कालिदास के विरही यक्ष
ने बादल को किस नदी पर वर्षा करने के लिए कहा ?
बेतवा
गंगा
यमुना
10, संभ्रांत महिला में विशेषण शब्द है?
महिला
संभ्रांत
दोनों
कोई नहीं
विडियो देखने के लिए दिए लिंक पर क्लिक कीजिए
https://youtu.be/kFc1JdpLd1s
https://youtu.be/3t2pjmB59Jk
https://youtu.be/RzJqvwLp_Ns
संक्षिप्त प्रश्न – उत्तर
प्रश्न 1,लेखक को दूर से देखने पर
नदियाँ कैसी लगी ?
उत्तर : बड़ी गंभीर,शांत,
अपने आप में खोई हुई लगती थीं | संभ्रांत
महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं ।
प्रश्न 2. लेखक के मन में नदियों के प्रति कैसे
भाव थे ?
उत्तर :लेखक के
मन में नदियों के प्रति आदर और
श्रद्धा के भाव थे ।
प्रश्न 3, नदियों में डुबकियाँ
लगाने पर लेखक को वे किस की गोद के समान प्रतीत होती ?
उत्तर : लेखक को माँ और दादी, मौसी और मामी की गोद की तरह प्रतीत हुई ।
प्रश्न 4 . लेखक ने हिमालय के उपर चढ़कर नदियों का कैसा रूप
देखा ?
उत्तर : लेखक ने नदियों का दुबला पतला रूप
देखा |
प्रश्न 5.
लेखक ने नदियों की किन क्रियाओं का
वर्णन किया है ?
उत्तर : इनका उछलना और कूदना, खिलखिलाकर लगातार हँसते जाने का वर्णन किया है |
प्रश्न 6 .नदियों की बाललीला देखकर
लेखक के मन में कैसे भाव आते हैं ?
उत्तर :कौतुहल और विस्मय के भाव
पैदा हुए |
प्रश्न 7 .बूढ़े हिमालय की गोद
में बच्चियाँ बनकर कौन खेलती हैं ?
उत्तर : नदियाँ खेलती हैं
प्रश्न 8 लेखक ने समुद्र को
किसका दामाद बताया है ?
उत्तर : हिमालय का
प्रश्न अभ्यास
लेख से
1,नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफ़ी
पुरानी है। लेकिन लेखक नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते हैं ?
उत्तर लेखक नागार्जुन नदियों को निम्नलिखित
रूप में देखते हैं
*लेखक नदियों को बेटी के रूप में देखतेहैं ।
लेखक ने नदियों को बहन के रूप में भीदेखा है ।
*कालीदास के यक्ष का उदाहरण देते हुए, प्रेयसी के रूप में भी देखा है ।
2,सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं ?
उत्तर (i) सिंधु और ब्रह्मपुत्र ये दोनों ही महानदी हैं।
(ii) इन दोनों महानदियों में सारी नदियों का संगम होता है।
(iii) ये भौगोलिक व प्राकृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण नदियाँ हैं।
(iv) ये दोनों ही पौराणिक नदियों के रूप
में विशेष पूज्यनीय व महत्वपूर्ण हैं।
3, काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है ?
उत्तर नदियों को लोकमाता कहने के पीछे काका कालेलकर का
नदियों के प्रति सम्मान है। क्योंकि ये नदियाँ हमारा आरम्भिक काल से ही माँ की भांति भरण-पोषण करती आ रही है। ये हमें पीने के लिए पानी देती है, तो दूसरी तरफ इसके द्वारा लाई गई ऊपजाऊ मिट्टी खेती के लिए बहुत उपयोगी होती है। अर्थात् ये नदियाँ सदियों से हमारी जीविका का साधन रही है। हिन्दू धर्म में तो ये नदियाँ पौराणिक आधार पर भी विशेष पूजनीय है।
इसलिए ये हमारे लिए माता के समान है जो सबका कल्याण ही करती है।
4,हिमालय की यात्रा में लेखक ने किन-किन की प्रशंसा की
है ?
उत्तर लेखक ने हिमालय यात्रा में निम्नलिखित की प्रशंसा की है –
(i) हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता की ।
(ii) उसकी बरफ़ से ढकी पहाड़ियों की सुदंरता की ।
(iii) पेड़-पौधों से भरी घाटियों की।
(iv) देवदार, चीड़, सरो, चिनार, सफैदा, कैल से भरे जंगलों की।
(v) हिमालय से निकले वाली नदियों की |
भाषा की बात
1,निर्जीव वस्तुओं को मानव-संबंधी नाम देने से निर्जीव
वस्तुएँ भी मानो जीवित हो उठती हैं। लेखक ने इस पाठ में कई स्थानों पर ऐसे प्रयोग
किए हैं, जैसे-
(क) परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो
वे कुछ और रूप में सामने थीं।
(ख) काका कालेलकर ने
नदियों को लोकमाता कहा है।
पाठ
से इसी तरह के और उदाहरण ढूँढ़िए।
उत्तर
(i)
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संभ्रांत महिला की भाँति वे प्रतीत होती थीं।
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(ii)
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जितना की इन बेटियों की बाल लीला देखकर।
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(iii)
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बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेल करती हैं।
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(iv)
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हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहने में कुछ भी झिझक नहीं होती है।
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