Sunday, 28 February 2021
अनुच्छेद लेखन वर्तमान युग और महामारी
वर्तमान युग और महामारी
"वर्तमान वैज्ञानिक युग में, सुख-सुविधाएँ चहूँ ओर है
परन्तु महामारी के प्रकोप से हाहाकार मचा हर ओर है ॥
महामारी अर्थात किसी रोग का भयावह रूप । जब किसी रोग का प्रकोप कुछ समय पहले की
अपेक्षा बहुत अधिक हो, उसे ‘महामारी’ कहते हैं। महामारी किसी एक स्थान पर सीमित
होती है । किंतु यदि यह दूसरे देशों और महाद्वीपों में भी फैल जाए तो उसे
सार्वदेशिक रोग कहते हैं । यानी महामारी का नाम आधिकारिक रूप से उस बीमारी को दिया
जाता है जो एक ही समय में दुनिया के अलग-अलग देशों में तेजी से फैल रही हो । आधुनिक
चिकित्सा पद्धति से उपचार होने के बावजूद भी, महामारी संकट बन जाती है। इसका कारण
यह है कि एक ही समय में ज्यादा लोग बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं,जिसके कारण आधुनिक
चिकित्सा प्रणाली भी घुटने टेक देती है। समय-समय पर होने वाली महामारी की बात करें
तो 18 वीं शताब्दी में प्लेग नामक महामारी फैली थी । समुद्री चुहों से इटली में
फैली ब्लैक डेथ। भारत से फैली पहली महामारी हैजा थी । 19वीं सदी में यूरोप से फ्लू
महामारी और अब 20वीं सदी में कोरोना महामारी ने दुनिया में कोहराम मचा दिया है ।
किसी भी बीमारी की रोकथाम हम उपाय करके ही कर सकते हैं । महामारी से बचने के लिए
सार्वजनिक सूचना के माध्यम से इसके प्रसार पर रोक लगाई जा सकती है । महामारी के समय
देश की सरकार की भूमिका अहम हो जाती है। अलग-अलग देशों ने महामारी एक्ट(कानून) भी
बना रखें है,जिसके तहत सरकार कार्य करती है। लोगों को बीमारी के फैलने के कारणों के
प्रति जागरूक किया जाए तथा उन्हें उपाय भी बताया जाय । आधुनिक समय में हम लोगों को
जागरुक करने के लिए मल्टीमिडिया का प्रयोग कर सकते हैं । वर्तमान समय में अगर हम
कोरोना के संदर्भ में तो लोगों को घरों में रहने के सूझाव दिय गए । बार-बार हाथ साफ़
करके संक्रमण से बचने की सलाह दी गई । अतः उपाय और नियमों का पालन करके हम सुरक्षित
और स्वस्थ रह सकते हैं तथा किसी भी महामारी को हरा सकते हैं ।
https://youtu.be/FNQznu0yzZ8
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